Sunday, July 9, 2023

Biography of Mahatma Gandhi | महात्मा गांधी: एक अद्वितीय जीवनी

 महात्मा गांधी: एक अद्वितीय जीवनी



जब भी आप "भारतीय स्वतंत्रता संग्राम" या "अहिंसा आंदोलन" के बारे में सोचते हैं, तो वह नाम जो सबसे पहले आपके दिमाग में आता है, वह है महात्मा गांधी का। संत, नेता, दार्शनिक, और एक महान समाजसेवी के रूप में उन्होंने न केवल भारतीय इतिहास को प्रभावित किया बल्कि दुनिया भर के लोगों को भी प्रेरित किया। आइए, हम एक अद्वितीय जीवनी के माध्यम से महात्मा गांधी के संघर्ष, विचारधारा और उनके महान कार्यों को जानते हैं।


मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें हम प्यार से "बापू" कहते हैं, 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था, माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गाँधी जी का विवाह 13 वर्ष की उम्र में ही हो गया था, इनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था। महात्मा गांधी जी के 4 बेटे थे हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास।

महात्मा गांधी की प्रारंभिक पढ़ाई पोरबंदर में की, इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए वह इंग्लैंड चले गए। इंग्लैंड से उन्होंने बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त की। घर में धार्मिक और आध्यात्मिक माहौल होने के कारण गांधीजी का बचपन से ही अध्यात्म के प्रति लगाव था, लेकिन उनकी इंग्लैंड यात्रा ने उनके सोच और दृष्टिकोण में बदलाव लाया। वह अहिंसा, सत्य और आत्मसमर्पण की महत्वाकांक्षा लेकर वापस आए, और इन मूल्यों के आधार पर उन्होंने सत्याग्रह और अहिंसा की सिद्धांतों की रचना की।

इंग्लैंड से बैरिस्टर बनने के पश्चात गांधीजी राजकोट में आकर वकालत करने लगे। इसी बीच किसी क़ानूनी विवाद के निपटारे के लिए वह दक्षिण अफ्रीका गए। वहां पर उन्हें डरबन से ट्रैन के द्वारा प्रिटोरिया जाना था जिसके लिए उन्होंने रेल की फर्स्ट क्लास का टिकट लिया। परन्तु उन दिनों अफ्रीका में अश्वेत और एशियन लोगो को फर्स्ट क्लास डिब्बे में बैठने की अनुमति नहीं थी जिसके कारण अंग्रेज टिकट चेकर ने गांधीजी को फिस्ट क्लास से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया।

इस बात से गांधीजी आहत हुए और उन्होंने इस नस्लभेद के खिलाफ आवाज उठाने का प्रण कर लिया। इसके पश्चात उन्होंने अफ्रीका में नस्लभेद के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए 1894 में नेटल कांग्रेस की स्थापना की। इसके बाद 1906 में दक्षिण अफ्रीकी भारतीयों के लिए अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की इस आंदोलन को सत्याग्रह का नाम दिया गया।

महात्मा गांधी 1915 में अपनी दक्षिण अफ्रीका से भारत में रहने के लिए लौट आये। लौटने के बाद ब्रिटिश शासकों द्धारा भारत के लोगों पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों को देखा, तब उन्होंने अपने देश से अंग्रेजों को बाहर खदेड़ने का संकल्प लिया और खुद को पूरी तरह स्वतंत्रता संग्राम में झोंक दिया।

उन्होंने देश की आजादी के लिए कई बड़े आंदोलन किये एवं सत्य और अहिंसा को अपना सशक्त हथियार बनाकर अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए विवश कर दिया। गांधी जी ने 1918 में चंपारण और खेड़ा सत्याग्रह से अंग्रेजों के खिलाफ पहला बड़ा आंदोलन किया। इसके बाद असहयोग आंदोलन, स्वराज आंदोलन, नमक सत्याग्रह एवं भारत छोड़ो आंदोलन के द्वारा अंग्रजो को भारत छोडने पर विवश कर दिया। वे न सिर्फ स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य सूत्रधार थे, बल्कि उन्हें आजादी के महानायक के तौर पर भी जाना जाता है।


हमारा पूरा भारत देश आज भी उनके द्धारा आजादी की लड़ाई में दिए गए  त्याग, बलिदान की गाथा गाता है एवं उनके प्रति सम्मान प्रकट करता है।

महात्मा गांधी की जीवनशैली और उनके विचारों ने दुनिया भर के लोगों को प्रभावित किया। उनकी अहिंसा के सिद्धांतों के आधार पर नेल्सन मंडेला, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, और अनेस्थेजिया स्कूल के संस्थापक डॉ. आर.ए. लुधिया जैसे व्यक्तित्वों ने अपने जीवन में गांधीजी का प्रभाव दिखाया।


महात्मा गांधी के विचारधारा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था ग्राम स्वराज्य या ग्रामीण विकास। उनकी सोच के अनुसार, भारतीय समाज का विकास ग्रामीण क्षेत्रों में होना चाहिए, जहां लोगों के जीवन के मूल्यों और संस्कृति का पालन होता है। वे खेती, उद्योग, शिक्षा, स्वच्छता और स्वावलंबन के माध्यम से ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करते थे।

महात्मा गांधी का जीवन अन्याय, अस्वतंत्रता, और गरीबी के खिलाफ लड़ाई की कहानी है। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अनगिनत सत्याग्रह किये तथा अहिंसा और आपसी सद्भाव की बातचीत की। उन्होंने यह सिद्ध करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया कि विदेशी शासन के बिना भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र बन सकता है।


1947 में भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, महात्मा गांधी ने विभाजन के दुःखद एवं हिंसक परिणामों के लिए खुद को दोषी माना। उन्होंने हमेशा राष्ट्रीय एकता, आपसी सद्भाव, और धार्मिक सहिष्णुता की बातचीत को प्रोत्साहित किया।


1948 में जब उनकी हत्या का के बाद, से पूरी दुनिया उन्हें एक महापुरुष के रूप में याद करती है। उनके जीवन पर कवियों ने भी अनेक काव्य रचे हैं जो उनके महानत्व को दर्शाते हैं। महात्मा गांधी की अद्वितीयता, संघर्ष, और शांतिपूर्ण मुकाबला हमें यह सिखाता है कि जीवन के हर क्षण में हमें सत्य, अहिंसा, और प्रेम के प्रति समर्पित रहना चाहिए। उनके जीवनचरित्र ने हमें यह सिखाया है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्णता, सौहार्द और संयम में स्थित है। 

महात्मा गांधी की जीवनी हमें एक महान आदर्शवादी व्यक्तित्व और स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में आदर्श व्यक्ति के महत्व को स्पष्ट करती है।


महात्मा गांधी की जीवनी से हमें यह सिख मिलती है कि सत्य, अहिंसा और प्रेम से युक्त जीवन हमारी समाज को सुख, शांति और समृद्धि प्रदान कर सकता है। उनकी विचारधारा हमें धैर्य, ध्यान, और सहनशीलता की महत्वपूर्णता सिखाती है जो हमें अपने और दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायता करती है।


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