Sunday, November 26, 2023

ओम जय जगदीश हरे || Om Jai jagdish Hare Arti

 

ओम जय जगदीश हरे आरती 

                                                     

   

 

-यह आरती  विष्णु  भगवान  को प्रसन्न  करने अथवा उनकी पूजा के बाद की जाती हैं  | 

 

 

 

 

 

 

 

 आरती  

ॐ जय जगदीश हरे , स्वामी जय जगदीश हरे ,

 

भक्त जनन के संकट , छिन में दूर करे  | | ॐ | | 

 

जो ध्यावे फल पावे , दुःख बिन से मन का ,

 

सुख - सम्पत्ति घर आवे , कष्ट मिटे तन का | | ॐ | |

 

मात पिता तुम मेरे , शरण गहूँ किसकी,

 

तुम बिन और न दूजा आस करुँ जिसकी | | ॐ | |

 

तुम पूरण परमात्मा , तुम अंतर्यामी ,

 

पारब्रह्म परमेश्वर , तुम सबके स्वामी | | ॐ | |

 

तुम करुणा के सागर, तुम पालन कर्ता ,

 

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता | | ॐ | |

 

तुम हो एक अगोचर सबसे के प्राणपति ,

 

किस विधि मिलु दयामय , तुमको मैं कुमति | | ॐ | |

 

दिन बन्धु दुःख हरता, तुम रक्षक मेरे,

 

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे | | ॐ | |

 

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा ,

 

श्रद्धा भक्ति बढाओं, संतन की सेवा | | ॐ | |

 

तन, मन, धन सब कुछ  है तेरा ,

 

तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा | | ॐ | |

 

 

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