Friday, December 1, 2023

संतोषी माता की आरती || Mata Santoshi Ki Arti

 

संतोषी माता की आरती 

 

 

 

-माता संतोषी को सुख एवं शांति प्रदान करने वाली देवी माना जाता है और शुक्रवार के दिन को उनकी पूर्ण भक्ति भाव के साथ पूजा की जाती है |  

 

 

 

 

 

आरती  

 

जय संतोषी माता , जय संतोषी माता ,

 

अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता  | | जय  | |

 

सुन्दर चीर सुनहरी  माँ धारण कीन्हो ,

 

हीरा पन्ना  दमके तन सिंगार लीन्हो  | | जय  | |

 

गेरू लाल छटा छवि बदन कमल सोहे ,

 

 मंद हँसत कल्याणी त्रिभुवन मन मोहे  | | जय  | |

 

स्वर्ण सिंहासन बैठी चँवर ढुरें न्यारे,

 

धूप दीप मधु  मेवा भोग धरे न्यारे  | | जय  | |

 

गुड़ अरु चना परमप्रिय तामे  सन्तोष कियो , 

 

 संतोषी कहलाई  भक्तन वैभव दियो  | | जय  | |

 

शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सोही ,

 

भक्त मंडली छाई कथा सुनत जोही  | | जय  | |

 

मंदिर जगमग ज्योति  मंगल ध्वनि  छाई ,

 

विनय करें हम बालक चरनन सिर नाई  | | जय  | |

 

 भक्ति भाव मय पूजा अंगीकृत कीजै ,

 

जो मन बसे हमारे इच्छा फल दीजे  | | जय  | |

 

दुःखी दरिद्री रोगी संकट मुक्त किये ,

 

बहु धनधान्य  भरे घर सुख सौभाग्य  दिए  | | जय  | |

 

ध्यान धरो जाने तेरो मनवांछित पायो ,

 

पूजा कथा श्रवण कर घर आनंद आयो   | | जय  | |

 

शरण गए की लज्जा रखियो जगदम्बे ,

 

संकट तू ही निवारे  दयामयी अम्बे   | | जय  | |

 

संतोषी माता की आरती जो कोई जनगावे ,

 

ऋषि सिद्ध सुख सम्पति जी भर के पावे  | | जय  | |

 

| | जय संतोषी माता  | | 

 

 

 

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