Friday, December 1, 2023

श्री बालाजी चालीसा || Shri Balaji Chalisa

 

श्री बालाजी चालीसा

|| दोहा ||


श्री गुरू चरण चितलाय के धरें ध्यान हनुमान |
बालाजी चालीसा लिखें दास स्नेही कल्याण ||
विश्व विदित वर दानी संकट हरण हनुमान |
मेंहदीपुर प्रकट भये बालाजी भगवान ||


|| चोपाई ||


जय हनुमान बालाजी देव , प्रकट भए यहाँ तीनों देवा |
प्रेतराज भैरव बलवाना, कोतवाल कप्तान हनुमाना ||


मेहंदीपुर अवतार लिया है, भक्तो का उद्धार किया है |
बालरूप प्रकटे है यहां पर, संकट वाले आते है जहाँ पर ||


डाकनि, शाकनि अरु जिन्दनी, मशान चुडैल भूत भूतनी |
जाके भय से सब भाग जाते, स्याने भोपे यहाँ घबराते ||


चौकी बंधन सब कट जाते, दूत मिले आनंद मनाते |
सच्चा है दरबार तिहारा, शरण पड़े सुख पावे भारा
||

 

रूप तेज बल अतुलित धामा, सन्मुख जिनके सिय रामा |
कनक मुकुट मणि तेज प्रकाशा, सवकी होवत पूर्ण आशा ||


महंत गणेशपुरी गुणीले, भए सुसेवक राम रंगीले |
अद्भुत कला दिखाई कैसी, कलयुग ज्योति जलाई जैसी
||

 

ऊँची ध्वज पताका नभ में, स्वर्ण कलश है उन्नत जग मे |
धर्म सत्य का डंका बाजे, सियाराम जय शंकर राजे
||

 

आन फिराया मुगदर घोटा, भूत जिंद पर पड़ते सोटा |
राम लक्ष्मण सिय ह्रदय कल्याणा, बाल रूप प्रकटे हनुमाना
||

 

जय हनुमंत हठीले देवा, पुरी परिवार करत है सेवा |

लड्डू, चूरमा, मिश्री, मेवा, अर्जी दरखास्त लगाऊँ देवा ||

  


दया करे सब विधि बालाजी, लंकट हरण प्रकटे बालाजी
|

जय बाबा की जन-जन उचारे, कोटिक जन आए हेरे द्वारे ||

 

बाल समय रवि भक्षहि लीन्हा, तिमिर मय जग कीन्ही तीन्हा |

देवन विनती की अति भारी, छाँड दियो रवि कष्ट निहारी ||

 

लाँघि उदधि सिया सुधि लाए, लक्ष हित संजीवन लाए |

रामानुज प्राण दिवाकर, शंकर सुवन माँ अंजनी चाकर ||

 

केसरी नंदन दुख भव भंजन, रामानंद सदा सुख संदन |

सिया राम के प्राण प्यारे, जय बाबा की भक्तउचारे ||

 

संकट दुख भंजन भगवाना, दया करहु हे कृपा निधाना |

सुमर बाल रूप कल्याणा, करे मनोरथ पूर्ण कामा ||

 

अष्ट सिध्दि नव निधि दातारी, भक्त जन आवे बहु भारी |

मेवा अरु मिष्ठान प्रवीना, भेट चढावें धनि अरु दीना ||

 

नृत्य करे नित न्यारे-न्यारे, रिध्दि-सिध्दियाँ जाके द्वारे |

अर्जी का आदेश मिलते ही, भैरव भूत पकडते तब ही ||


कोतवाल कप्तान कृपाणी, प्रेतराज संकट कल्याणी
|

चौकी बंधन कटते भाई, जो जन करते है सेवकाई ||

 

रामदास बाल भगवंता, मेहदीपुर प्रकटे हनुमंता |

जो जन बालाजी मे आते है, जन्म-जन्म के पाप नशाते ||

 

जल पावन लेकर घर आते, निर्मल हो आनंद मनाते |

क्रूर कठिन संकट भगजावे, सत्य धर्म पथ राह दिखावे ||


जो सत पाठ करे चालीसा, तापर प्रसन्न होय बागीसा
|

  कल्याण स्नेही, स्नेह से गावे, सुख समृध्दि रिध्दि सिध्दि पावे ||


|| दोहा ||
मंद बुध्दि मम जानके क्षमा करो गुणखान |
संकट मोचन क्षमहु मम दास स्नेही कल्याण ||


No comments:

Post a Comment