Sunday, December 1, 2024

आरती श्री शिवजी की - Arti Bhagwan Shiv Ji KI

 

आरती श्री शिवजी की 

 

-भगवान शिव को "महादेव", "भोलेनाथ", "शंकर " , "महेश ", "रूद्र" एवं  "नीलकंठ " के नाम से जाना जाता है  | इन्हें देवों  के देव  त्रिदेव भी कहा जाता  है  |भगवान  शिव की मन  से की गई  आराधना  उनको खुश करने के लिए बहुत है  | 

 

 

आरती 

 

ॐ जय  शिव  ओंकारा , प्रभु  हर शिव  ओंकारा,

 

ब्रह्मा , विष्णु  सदाशिव  अर्धांगी धारा  | जय  |

 

एकानन, चतुरानन , पंचानन  साजे,

 

हंसासन , गरुड़ासन , वृषवाहन  साजे   | जय  |

 

 दो भुज चार  चतुर्भुज  दश  भुज  ते  सोहे ,

 

तीनो रूप निरखता  त्रिभुवन  जन  मोहे   | जय  |

 

अक्षमाला ,  बनमाला , रुण्डमाला  धारी , 

 

कंदन  मृगमद  लोचन  भाले  शशिधारी   | जय  |

 

श्वेताम्बर   पीताम्बर  बाघम्बर   अंगे ,

 

सनकादिक  ब्रह्मादिक  भूतादिक  संगे   | जय  |

 

ब्रह्मा  विष्णु  सदाशिव  जानत  अविवेका ,

 

प्रणवाक्षर   के  मध्ये   यह  तीनो  एका  | जय  |

 

त्रिगुण  शिव जी की आरती जो कोई नर  गावे ,

 

कहत शिवानंद स्वामी  मनवांछित  फल पावे  | जय  |

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