Saturday, December 2, 2023

आरती श्री रामचंद्र जी की || Arti Shri Ramchander Ji Ki

 

आरती श्री रामचंद्र जी की 

 

आरती श्री रामचंद्र जी की


आरती 

 

श्री रामचंद्र कृपालु भजु मन , हरण भव भय दारूणम |

 

नवकंज लोचन , कंज -मुख कर -कंजपद -कन्जारुणम | | 

 

कंदर्प अगणित अमित छवि , नवनील -नीरद -सुंदरम | 

 

पटपीत मानहु तड़ित रूचि सुचि नौमी जनक सुता -वरम | | 

 

भजु दीनबंधु दिनेश दानव  - दैत्यवंश  - निकंदम | 

 

रघुनंद आनंदकंद कौशलचंद्र दशरथ  - नन्दनम | | 

 

सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदार अंग विभुषणम | | 

 

आजानुभुज शर -चाप -धर संग्राम -जित -खर -दूषणम | | 

 

इति वदति तुलसीदास शंकर -शेष  - मुनि - मन - रंजनम | 

 

मम ह्रदय कंज निवास कुरु कामादि -खल -दल -गंजनम | | 

 

 

 

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