Monday, December 11, 2023

Shri Durga Chalisa || श्री दुर्गा चालीसा || माँ दुर्गा चालीसा

 

जय श्री दुर्गा माँ चालीसा

 

 

नमो नमो दुर्गे सुख करनी  | नमो नमो अम्बे दुःख हरनी | 

 

निरंकार है ज्योति तुम्हारी  | तिहुं लोक फैलो उजियारो  | 

 

शशि ललाट मुख महा विशाल  | नेत्र लाल भृकुटि विकराला | 

 

रूप मातु को अधिक सुहावे | दरश करत जन अति सुख पावे | 

 

तुम संसार शक्ति लै  कीना | पालन हेतु अन्न धन दीना | 

 

अन्नपूर्णा हुई जग पाला | तुमही आदि सुंदरी बाला | 

 

प्रलयकाल सब नाशनहारी | तुम गौरी शिव शंकर प्यारी | 

 

शिव योगी तुम्हरे गुण  गावें | ब्रह्मा विष्णु तुम्हें  नित ध्यावें | 

 

रूप सरस्वती को तुम धारा | दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा | 

 

धरो रूप नरसिंह  को अम्बा | प्रकट भई फाड़ के खम्भा | 

 

रक्षा करि प्रहलाद बचायो | हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो |

 

लक्ष्मी रूप धरो जग माही | श्री नारायण अंग समाहीं | 

 

क्षीरसिन्धु में करहिं विलासा | दयासिन्धु दीजै मन आसा | 

 

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी | महिमा अमित न जात बखानी | 

 

मातंगी धृमावती माता | भुवनेश्वरी बगला सुखदाता | 

 

श्री भैरवतारा जग तारणि | छिन्न भाल भव दुःख निवारणी | 

 

केहरि वाहन सोह भवानी | लांगुर वीर चलत अगवानी | 

 

कर में खप्पर खड्ग बिराजे | जाको देखि काल  डर  भाजे | 

 

सोहै अस्त्र और त्रिशूला | जाके उठत शत्रु हिय शूला | 

 

नगरकोट में तुम्ही विराजत | तिहुं लोक में डंका बाजत | 

 

शुम्भ निशुम्भ दैत्य तुम मारे | रक्तबीज शंखन संहारे | 

 

महिसासुर नृप अति अभिमानी | जेहि अघ भार मही अकुलानी |

 

रूप कराल काली को धारा | सैन सहित तुम तिहि संहार | 

 

परी भीड़ संतन पर जब जब | भई सहाय मातु तुम तब तब | 

 

आभापुर अरु बासब लोका | तब महिमा सब रहे अशोका | 

 

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी | तुम्हे सदा पूजें नर नारी | 

 

प्रेम भक्ति से जो यश गावें | दुःख दरिद्र निकट नहीं आवें | 

 

ध्यावेतुमहिं जो नर मन लाई | जन्म मरण ते सो छूट जाइ |

 

योगी सुर मुनि कहत पुकारी | योग न होय बिना शक्ति तुम्हारी | 

 

शंकर आचरण तप कीनों | काम क्रोध जीत सब लीनों | 

 

निशदिन ध्यान धर शंकर को | काहू काल नहिं सुमरत तुमको | 

 

शक्ति रूप को मरम न पायो | शक्ति गई तब मन पछतायों | 

 

शरणागत हुई कीर्ति बखानी | जै जै जै जगदम्ब भवानी | 

 

भई प्रसन्न आदि जगदम्बा | दई शक्ति नहिं कीन विलम्बा | 

 

मोको मातु कष्ट अति घेरो | तुम बिन कौन हरे दुख  मेरो | 

 

आशा तृष्णा निपट सतावै | रिपु मूरख मोहि अति डरपावे | 

 

शत्रु नाश कीजै  महारानी | सुमरो इकचित तुम्हें  भवानी | 

 

करो कृपा हे मातु दयाला | रिद्धि सिद्धि दे करहु निहाला |

 

जब लागि जियो दया फल पाऊं | तुम्हरो जस मैं सदा सुनाऊं | 

 

दुर्गा चालीसा जो नर गावै | सब सुख भोग परम पद पावै | 

 

देवीदास शरण निज जानी | करो कृपा जगदम्ब भवानी |

 

 

 

 

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